“Subhagi” Reaches Lucknow on 18 March 2019

पिक्सल फिल्म्स के सौजन्य से दिनांक 18-03-2019 दिन सोमवार को सायं -6:45 बजे राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह केसरबाग में नाटक सुभागी के जरिए संस्था – “विजय बेला एक कदम खुशियों की ओर” के कलाकारों के द्वारा बाल विवाह, जातिप्रथा और विधवा विवाह का मसला मजबूती से उठाया जायेगा।प्रेमचंद की कहानी सुभागी का नाट्य-रूपांतरण एवं निर्देशन चन्द्रभाष सिंह का है। सुभागी का विवाह बचपन में ही हो गया है। एक दिन उसका गौणा होने वाला है। लेकिन, खबर आती है कि उसके पति की मृत्यु हो गई है। इस खबर से परिवार में सभी दुखी हो जाते हैं। कुछ समय बीतने के साथ सुभागी का भाई रामू उससे चिढ़ने लगता है। रोज-रोज की किच-किच से ऊबकर पंचों को बुलाकर सुभागी का बाप तुलसी महतो बंटवारा करवा लेता है। सुभागी अपने हिस्से में अपने मां-बाप की सेवा करके खुशी-खुशी रहने लगती है। एक दिन उसके पिता और फिर मां बीमारी से दम तोड़ देती हैं। सज्जन सिंह जो तुलसी महतो के मित्र हैं, इस परिवार का ख्याल रखते हैं। उनकी मदद से श्राद्धकर्म सुभागी अकेले करती है। अब सुभागी का एकमात्र उद्देश्य है श्राद्धकर्म में हुआ खर्च सज्जन सिंह को चुकाना।सज्जन सिंह सुभागी के अच्छे चाल चलन को देखकर छोटी जाति की होने के बावजूद उसे अपनी बहू बनाकर कहता है कि बेटी की कोई जाति नही होती।