श्री रामभद्राचार्य महाराज जी से आशीर्वाद की प्राप्ति

 जगत गुरु पदम् विभूषण चक्रवती धर्माचार्य २४ भाषाओं का ज्ञान रखने वाले श्री रामभद्राचार्य महाराज जी🙏

आशीर्वाद और भरोसा कभी
दिखाई नहीं देते लेकिन यह
सब मिलकर असम्भव को
सम्भव बना देते है.

पौराणिक धारावाहिक के क्रम में आशीर्वाद की प्राप्ति

पिक्सेल फिल्म्स द्वारा बनाए जा रहे पौराणिक धारावाहिक की सफलता हेतु कई प्रमुख मंदिरों, मुख्यमंत्रियों एवं संतों से आशीर्वाद की प्राप्ति

 

 

आशीर्वाद और भरोसा कभी
दिखाई नहीं देते लेकिन यह
सब मिलकर असम्भव को
सम्भव बना देते है.

सृष्टि की उत्पत्ति कब, कैसे, और किसने की……. ?

मान्यवर महोदय! सनातन संस्कृति पर बन रहे इस धारावाहिक ‘विश्वदेव’ के निर्माण के लिए आपके आशीर्वचन की कामना हैं।
जिस धारावाहिक के प्रति सहयोग एवं समर्थन कालजयी धारावाहिक रामायण के निर्माता डा० रामानन्द सागर जी के सुपुत्र श्री प्रेम सागर जी तथा अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार उत्तराखंड के कुलाधिपति श्रद्धेय डा० प्रणव पाण्ड्या एवं प्रतिकुलपति डा० चिन्मय पाण्ड्या जी का आशीर्वाद प्राप्त हैं। जो ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक है। यह धारावाहिक प्रथम सृष्टि निर्माण से लेकर अवतक की समस्त प्रमुख घटनाओं को स्वयं में सिमेटे हुए है जो 500+ एपिसोड में प्रदर्शित होगा। इसी धारावाहिक से कुछ अत्यंत अल्प संख्या में साधारण प्रश्न जिज्ञासा वश पूछे गए हैं।

6 वर्षों के सर्वेक्षण में विभिन्न माध्यमों से हमें ज्ञात हुआ की निम्नलिखित धर्म, पंथ, मज़हव, संप्रदाय के अनुयाइयों के घरों में स्थापित उनके धर्म/पंथ ग्रंथ का प्रतिशत
सनातन धर्म – .005%
इसाई पंथ – 100%
इस्लाम मज़हव – 100%
बौद्ध पंथ – 100%
जैन पंथ – 100%
पारसी पंथ – 100%
यहूदी पंथ – 100%
सिख पंथ – 100%

अब आप सभी सनातनी जन स्वयं निर्णय करे कि अपने धर्म के प्रति कितनी आस्था रखते हैं । क्या सनातन धर्म का उत्थान कभी हो सकता है? इसी कारण हम यह धारावाहिक बना रहे हैं । ताकि सनातनी अपने धर्म से परिचित हो सकें। इसमें आपका क्या मत हैं।
क्या आप की जिज्ञासा ऐसे अद्वितीय धारावाहिक को देखने की है।

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शांतिकुंज के सर्वोपरि संत श्रद्धेय श्री प्रणव पंड्या जी से मुलाकात

शांतिकुंज के सर्वोपरि संत श्रद्धेय श्री प्रणव पंड्या जी

शांतिकुंज के सर्वोपरि संत श्रद्धेय श्री प्रणव पंड्या जी के इस आशीर्वाद को व्यर्थ नहीं जाने दूंगा🙏

कर्ता करे न कर सके , विश्वदेव  करे सो होय

तीन लोक नौ खंड में , विश्वदेव से बड़ा न कोय। ।

 

ना चाहुँ सुख महलो का ,

न कोई वैभव माँगू

देदे बाबा जगह थोड़ी सी ,

मैं भी अपना जीवन सँवारु। ।

(जो भक्त गुरु के प्रति अपनी आस्था रखता है , वह महलों का सुख नहीं चाहता। वह वैभव नहीं चाहता अपना नाम नहीं चाहता , वह केवल गुरु  के चरणों में थोड़ा सा स्थान चाहता है उनकी दया का पात्र होना चाहता है।)

                                                                                                                                                                     Er. O. P. Sharma

 

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Received blessings from Mahagyani Shri Vijay ji and Padma Shri, Shri Daya Prakash Singh ji

आशीर्वाद और भरोसा कभी दिखाई नहीं देते

लेकिन यह सब मिलकर असम्भव को
सम्भव बना देते है.

और भी देंखे….

Office Meeting On 5Feb2023

Meeting Between “Pixel Films” Producer And his team

 

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदाऽऽत्मानं सृजाम्यहम्।।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।

[हे भारत जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है तबतब मैं स्वयं को प्रकट करता हूँ।। साधु पुरुषों के रक्षण दुष्कृत्य करने वालों के नाश तथा धर्म संस्थापना के लिये मैं प्रत्येक युग में प्रगट होता हूँ।।]