Meeting Between “Pixel Films” Producer And his team
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदाऽऽत्मानं सृजाम्यहम्।।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।
[हे भारत जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है तबतब मैं स्वयं को प्रकट करता हूँ।। साधु पुरुषों के रक्षण दुष्कृत्य करने वालों के नाश तथा धर्म संस्थापना के लिये मैं प्रत्येक युग में प्रगट होता हूँ।।]